उन घरों के बीच एक छोटा आंगन था जिसके एक कोने में छप्पर के नीचे दो तीन महिलाएं कुछ करती दिखीं. पास गया तो पता चला कि वह महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर लोहे की रेत भरी कड़ाही में चावल भूनकर मूढ़ी बना रही हैं. मैं उनसे बातें करने लगा. https://bresdel.com/posts/501404